- 2 Posts
- 1 Comment
हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या येह है की कोई किसी की बात बिना समझे अपनी प्रतिक्रिया देने लग जाते है | आज कपि किसी की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है , अगर कोई अपनी बात लोगो के सामने रखता है यह तो उसके खिलाफ फतवा जारी हो जाता है, लोग उसे गालियां देने लग जाते है | क्या हम ऐसे भारत देश में रहते है जहाँ कोई अपनी बात नहीं रख सकता , फिर चाहे वो किसी िनासन के बारे में हो या किसी धर्म, भगवान आदि | अगर कोई अपना पक्ष भगवान् के खिलाफ रखता है तो लोगों के दिलों को इतनी क्यों आहत लगती है की लोग उसे अपशब्द कहने लगते है। मौलवी फतवा जारी कर देते है. खुद को क्यों भगवान् समझने लगते है. उन्हें शायद याद ही नहीं रहता होगा की वो सिर्फ भगवान् की सेवा करने बैठे है न की उनकी वकालत। अगर किसी ने भगवान् के खिलाफ आवाज़ उठाई है तो उसका न्याय भी भगवान् को करने दो तुम इंसान हो सिर्फ एक इंसान जो कभी कभी खुद को भगवान् की जगह रख देता है। अगर आपको किसी की बात सुनने में अच्छा नहीं लगा हो आप एक इंसान होने के खातिर आप उसकी बात को समझने की कोशिश करे। अगर देखा जाए थो हमारे देश के लोगों का दिल बड़ा ही कमजोर है थोड़ी थोड़ी बात पे उनका धर्म को ठेस पहुंच जाती है. अगर किसी दूसरे देश की लोगों हुमारे हिन्दू धर्म के किसी भगवान् की फोटो डाल दी तो उनका आहत पहुँच जाता है. फिर सब एक के बाद एक उस इंसान भला बुरा कहने में पीछे नहीं हटते। तब ऐसा लगता है जैसे उस ने किसी का खून कर दिया हो। इतना क्या अपने धर्म , जाती और भगवान् को लेके लोग आज भी एक दूसरे के खिलाफ ज़हर उगलते है। जब भगवान् की तस्वीर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पे बिना किसी तर्क के शेयर करते है , तब क्यों नहीं लोगों के धर्मं को आहत पहुंचता तब क्यों नहीं लोग फतवा जारी कर देते। अगर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पे देखेंगे थो ऐसे कितने सारे भगवान् की तस्वीर है जिसमें ये लिखा होता है की अगर आप इसे १० सेकंड शेयर नहीं किये तो आपको बुरी खबर मिलेगी और किये तो अच्छी खबर मिलेगी। आप लोगों को भगवान् के नाम से डरा सकते है वो चलेगा पर भगवान् खिलाफ अगर किसी ने एक शब्द भी बोल दिया तो उस वक्त उनका धर्म जाती, मजहब और ना जाने क्या क्या बीच में आ जाता है. और उस इंसान को देश निकला का फरमान सुना देते है. सब एक साथ एक जुट हो जाते है. एक जुट वहां हो जहाँ सच में जरुरत हो. और जो लोग सच में भगवान् की रक्षा करते है उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ना चाइये की कौन क्या किस धर्म के भगवान् के लिए क्या कहा। और अगर आपको किसी को बोलने की हिम्मत है फरमान सुनाने की हिम्मत है थो फिर खुद सुनने की भी हिम्मत रखिये। हम ऐसे देश में रहते है जहाँ लोगों अपने विचार व्यक्त करने का पूरा अधिकार है।
Read Comments